Last Updated on August 6, 2023 by Raj
Tomato Price: जिस प्रकार से दिन-प्रतिदिन बिकता जा रहा है टमाटर की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार टमाटर के बाद अब प्याज की मांग और पूर्ति में असंतुलन का असर अगस्त के अंत तक प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है अर्थात जिस प्रकार से टमाटर की कीमत आसमान छू रही है उसी प्रकार अब प्याज भी महंगा होने वाला है आज इस आर्टिकल में मैं आपको विस्तार पूर्वक बताऊंगा कि किन-किन चीजें और टमाटर के बाद महंगी होने वाली है।
टमाटर के बाद अब ये चीज़े भी होगी महंगी
रिपोर्ट एवं एनालिटिक्स के अनुसार बताया जा रहा है कि प्याज की आपूर्ति खुदरा बाजार में देखने को मिल रही है इसी कारण से इस माह के अंत तक प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है एवं अगले महीने 60 से ₹70 प्रति किलो तक प्याज बिक सकता है।
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स ने रिपोर्ट जारी कर मांग आपूर्ति में असंतुलन होने की खबर बताई है जिसमें यह कयास लगाया जा रहा है कि अगस्त माह के अंत तक प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है इसके अलावा अगले महीने कीमत अपने भाई पिक पर होगी।
विशेषज्ञों के अनुसार खुदरा बाजार में आपूर्ति होने के कारण अगस्त के अंत तक प्याज की कीमत में वृद्धि देखने को मिल सकती है इसके अलावा सितंबर के शुरुआती समय में प्याज ₹770 प्रति किलोग्राम बिक सकता है हालांकि यह 2020 से कम कीमत होगी।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
रिपोर्ट के अनुसार रवि सीजन में प्याज के भाव धारण के और उपयोग अवधी को एक दो महीने कम होने की बात की जा रही है जहां इस साल फरवरी मार्च के महीने में घबराहट के कारण बिकवाली से, सितंबर के बजाय अगस्त के अंत तक इसकी कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
जमीनी जानकारी के अनुसार प्याज की खपत में बढ़ोतरी होने वाली है इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि अक्टूबर से खरीद की आवाज बेहतर शुरू हो सकती है जिसके बाद कीमत में नरमी देखने की उम्मीद है अगर पूरे वाक्यों का संयोजन किया जाए तो अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
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कम बुवाई के कारण कीमतें बढ़ेगी
वर्ष 2023 के जनवरी- मई तक प्याज की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली थी जिससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली लेकिन किसान खरीफ मौसम में बुवाई के लिए हतोत्साहित भी हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार सभी आंकड़ों को मध्य नजर रखते रखते हुए यह बताया जा रहा है कि प्रति साल की भांति इस साल करीब सीजन में प्याज का उत्पादन 5% तक कम होगा जिससे खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
वही पिछले 5 वर्षों (2018-22) में उत्पादन का औसत से 7% से अधिक हुआ है जबकि इस वर्ष वास्तविक उत्पादन 2.9 करोड़ होने की उम्मीद है। कुल मिलाकर बात की जाए तो अगस्त एवं सितंबर के महीने में होने वाली बारिश प्याज की फसल एवं उसके कीमत निर्धारित करेगी। कम रवि फसल एवं खरीफ की उत्पादन होने के बाद भी उत्पादों की आपूर्ति में बड़ी कमी नहीं देखने को मिलेगी।