जन्म प्रमाण पत्र बनेगा मुख्य दस्तावेज : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक नया अधिसूचना जारी किया है। इस अधिनियम में घोषणा की गई है कि आने वाले समय में राष्ट्रीय दस्तावेज में कुछ नए प्रावधान लागू होने वाले हैं। इन नए प्रावधान के अंतर्गत काफी सारे बदलाव किए गए हैं, जिसमें से सबसे महत्वपूर्ण बदलाव एक नया अधिनियम लागू करने के लिए बनाया गया है जिससे नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी के डेटाबेस को मेंटेन करना भारत सरकार के लिए काफी आसान हो जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय डेटाबेस बनाने की प्रक्रिया को काफी आसान कर दिया गया है।
इस पूरी प्रक्रिया में जन्म और मृत्यु जैसी विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं और नागरिकों को इन सब दस्तावेजों को बनाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने का निश्चय किया गया है। आज हम आपको इस लेख में इसी नए अधिनियम के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे।
WhatsApp Group | Join Now |
WhatsApp Channel | Click here to Follow |
जन्म प्रमाण पत्र बनेगा मुख्य दस्तावेज : विवरण
आर्टिकल का नाम | जन्म प्रमाण पत्र |
घोषणा | जन्म प्रमाण पत्र होगा मुख्य दस्तावेज |
किसके द्वारा हुई घोषणा | केंद्रीय गृह मंत्रालय |
कब से होगा लागू | 1 अक्टूबर 2023 |
जन्म प्रमाण पत्र बदलाव को लेकर कुछ प्रमुख बिन्दु
- यह अधिनियम भारत के रजिस्ट्रार जनरल को जन्म और मृत्यु की राष्ट्रीय रजिस्ट्री की निगरानी करने का अधिकार देता है। राज्य द्वारा नियुक्त मुख्य रजिस्ट्रार इस राष्ट्रीय डेटाबेस में डेटा योगदान करने के लिए बाध्य होंगे, जबकि मुख्य रजिस्ट्रार राज्य स्तर पर समान डेटाबेस बनाए रखते हैं।
- पहले, कुछ व्यक्तियों के लिए जन्म और मृत्यु की रिपोर्ट रजिस्ट्रार को देने की आवश्यकता थी। उदाहरण के लिए, जिस अस्पताल में बच्चा पैदा हुआ है, उसके प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को जन्म की रिपोर्ट देनी होगी। इसके अलावा, माता-पिता और सूचना देने वाले का आधार नंबर भी उपलब्ध कराना होगा। यह नियम जेल, होटल या लॉज में जन्म के मामले में भी लागू होता है। इसमें जेलर और होटल मैनेजर को सभी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करनी होगी।
- नए अधिनियम के तहत, सूची को और विस्तारित किया गया है और अब इसमें गैर-संस्थागत गोद लेने के लिए दत्तक माता-पिता, सरोगेसी के माध्यम से जन्म के लिए जैविक माता-पिता और एकल माता-पिता या अविवाहित मां से बच्चे के जन्म के मामले में माता-पिता शामिल होंगे।
- नया कानून केंद्र सरकार की मंजूरी के अधीन, राष्ट्रीय डेटाबेस को जनसंख्या रजिस्टर, मतदाता सूची और अन्य जैसे अधिकृत अधिकारियों के साथ साझा करने की अनुमति देता है। इसी तरह, राज्य डेटाबेस को राज्य-अनुमोदित अधिकारियों के साथ साझा किया जा सकता है।
- अधिनियम के अनुसार, रजिस्ट्रार या जिला रजिस्ट्रार की किसी कार्रवाई या आदेश से व्यथित कोई भी व्यक्ति क्रमशः जिला रजिस्ट्रार या मुख्य रजिस्ट्रार के पास अपील कर सकता है। ऐसी अपील ऐसी कार्रवाई या आदेश प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर की जानी चाहिए। जिला रजिस्ट्रार या मुख्य रजिस्ट्रार को अपील की तारीख से 90 दिनों के भीतर अपना निर्णय देना होगा।
सम्बंधित पोस्ट: PM Modi YouTube Journey: पीएम मोदी ने यूट्युबर बनने के दिए टॉप 5 टिप्स, जानें कैसे बन सकते है सफल यूट्युबर
क्या है नया प्रावधान
जन्म और मृत्यु पंजीकरण में बदलाव के लिए भारत सरकार ने नया कदम उठाया है। इन बदलाव किय गए सभी नियमों को 1 अक्टूबर से पूरे देश भर में लागू कर दिया जाएगा। अब इस नए नियम के लागू हो जाने से वह सभी व्यक्ति जो किसी स्कूल या कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं या वह अपने लिए किसी भी प्रकार का कोई सरकारी दस्तावेज बनवाना चाहते हैं। अब उन्हें यह सब काम करवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। बिना जन्म प्रमाण पत्र के आप इन सब कामों की आवेदन प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सकेंगे।
अब नहीं होगी इन दस्तावेजों की आवश्यकता
हाल ही में हमारी देश की सरकार के द्वारा एक नया निर्णय लिया गया है। इस निर्णय में यह घोषणा की है कि अब किसी भी नागरिक को अगर अपना नाम मतदाता सूची में नामांकन करवाना हो, आधार कार्ड बनवाना हो, मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना है, गवर्नमेंट जॉब के लिए आवेदन करना या फिर किसी भी प्रकार की सरकारी योजना के लिए आवेदन करना हो।
अब उन्हें यह सब काम करवाने के लिए अलग-अलग डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होगी क्योंकि अब यह काम केवल जन्म प्रमाण पत्र के आपका आधार पर कर सकते हैं। जैसा कि हम जानते ही हैं कि हम अलग-अलग दस्तावेज बनवाने के लिए सरकार को अलग- अलग प्रकार के डॉक्युमेंट्स देने होते हैं जिससे सरकार को हमारा डाटाबेस मेंटेन करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी को देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर का डेटाबेस स्थापित करने का फैसला लिया है। इस नियम के माध्यम से व्यक्ति केवल जन्म प्रमाण पत्र के द्वारा ही सभी काम करवा सकता है।
WhatsApp Group | Join Now |
WhatsApp Channel | Click here to Follow |
अब से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र होंगे मुख्य डाक्यमेन्ट
जन्म प्रमाण पत्र किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण डाक्यमेन्ट में से एक है। जब भी किसी बच्चे का जन्म होता है उसे तुरंत ही उसका जन्म प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। यह जन्म प्रमाण पत्र उस व्यक्ति के लिए एक पहचान पत्र की तरह कार्य करता है। वही जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसके मरने के उपरांत उसके परिवार को उस व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र दिया जाता है। मृत्यु प्रमाण पत्र से यह साबित होता है कि वह व्यक्ति अब इस दुनिया में नहीं है।
हाल ही में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी किया हैजहां उन्होंने यह बताया है की जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम की धारा एक की उप धारा (2) में इन दोनों को भारत के मुख्य दस्तावेजों के रूप में घोषित किया जा रहा है।
भारत के रजिस्टार जनरल को जन्म और मृत्यु कैसे स्टार्ट डेटाबेस को बनाए रखने का अधिकार दिया गया है। भारत के प्रत्येक नागरिक का जन्म और मृत्यु का डाटा अब इस डेटाबेस के अंतर्गत संभाल कर रखा जाएगा। अब से प्रत्येक राज्य को अपने राज्य स्तर पर इस डेटाबेस को संभाल कर रखना होगा। और अब से जन्म और मृत्यु के इन प्रमाण पत्र में उस व्यक्ति का आधार नंबर भी जोड़ा जाएगा।
निष्कर्ष – जन्म प्रमाण पत्र बनेगा मुख्य दस्तावेज
सरकार की इस घोषणा से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब आने वाले समय में जन्म प्रमाण पत्र बनेगा मुख्य दस्तावेज रहेगा। अब व्यक्ति को अपना कोई भी काम करवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक शेयर करें।