Medical Courses: यदि आप भी मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन, डरते हैं कि मेडिकल कोर्स की इतनी महंगी फीस कैसे आप भर पाएंगे तो अब यह राज्य सरकार उन सभी विद्यार्थियों को मेडिकल कोर्स की फीस भरने में सहायता करेगी जो मेडिकल की पढ़ाई तो करना चाहते हैं लेकिन, उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह इस पढ़ाई के लिए पैसे दे सके। अब आपको राज्य सरकार द्वारा मदद मिलेगी जिससे आप मेडिकल फील्ड में अपना करियर बना सकते हैं वह भी बिना कोई पैसा खर्च करें। इस तरह के मेडिकल कोर्सेज के बारे में हम आपको आगे बताएंगे।
आपके यहां पर उन खास मेडिकल कॉलेज के बारे में भी बताया जाएगा जहां से आप अपना मेडिकल कोर्स की पढ़ाई कर सकते हैं ताकि आप आसानी से अपनी मेडिकल की पढ़ाई करके इस फील्ड में अपना करियर बना सके।
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सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी यह राज्य भरेंगे मेडिकल कॉलेज की फीस
जो भी विद्यार्थी अपना करियर मेडिकल के क्षेत्र में बनाना चाहते हैं उनके लिए एक बहुत ही बड़ी खबर है कि उनके राज्य सरकार मेडिकल कॉलेज की फीस सरकार द्वारा दी जाएगी ताकि छात्र अपने मेडिकल कोर्सेज को बिना फीस की चिंता किए कर सके। इस सिलसिले में जो नई जानकारी आई है वह हम आपको बताने जा रहे हैं।
Medical Courses को लेकर न्यू अपडेट क्या है?
वे सभी विद्यार्थी जो मेडिकल पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेना चाहते हैं और मेडिकल क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उनके लिए चिकित्सा पाठ्यक्रमों में एक नया अपडेट जारी हुआ है जिसके अंतर्गत राज्य सरकार के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की कॉलेज फीस को माफ कर दिया जाएगा और उनके मेडिकल कोर्स की फीस स्वयं राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।
साल 2022 में मेडिकल स्टूडेंट की फीस को सरकार द्वारा किया गया था माफ
मेडिकल कोर्स के अंतर्गत मेडिकल के विद्यार्थियों की फीस को माफ करने के लिए एमबीबीएस कोर्स की फीस जो की 16 लाख है और एनआरआई कोटे की फीस बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई थी और उसको राज्य सरकार के द्वारा भुगतान किया गया था ताकि राज्य के बच्चे जो की होनहार है वह आर्थिक चिंता किए बिना मेडिकल कोर्स की पढ़ाई करें और मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर आगे बढ़ाएं।
किन विद्यार्थियों के मेडिकल कोर्स की फीस सरकार द्वारा भरी जाएगी
पुडुचेरी राज्य की सरकार सभी सरकारी संस्थाओं और स्कूलों में पढ़ने वाले उन सभी विद्यार्थियों के मेडिकल की पढ़ाई की फीस का भुगतान करेगी। वह सभी विधयार्थी जिन्होंने सफलतापूर्वक NEET को पास किया है साथ ही साथ इन सभी विद्यार्थियों को 10% कोटे के आधार पर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिया जाएगा ताकि हमारे मेधावी छात्र अपनी चिकित्सा की पढ़ाई आसानी से कर सके।
राज्य पुडुचेरी में कितने मेडिकल कॉलेज हैं?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुडुचेरी में मेडिकल के विद्यार्थियों के लिए 50% मेडिकल कॉलेज प्राइवेट है बाकी के 50% कॉलेज सरकारी है पुडुचेरी राज्य के कुछ जाने-माने इसमें से है JIPMER (जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च), MGMCRI(महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट), PIMS (पुडुचेरी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) और SMVMSH(श्री मनकुला विनयगर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल)।
मेडिकल एजुकेशन के अंतर्गत उठाया गया खर्च
मेडिकल की शिक्षा भारत में सबसे अधिक महंगी शिक्षा में से मानी जाती है जिसके अंतर्गत आपका शिक्षा का शुल्क किताबों का खर्चा और प्रयोगशाला का सामान जूटाने का सभी कुछ खर्च शामिल होता है । यही कारण है कि यह सभी खर्च विद्यार्थियों के द्वारा उठाना असंभव हो जाता है। खास तौर से उन विद्यार्थियों के लिए जो सरकारी स्कूल से ग्रेजुएट हुए हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी इतनी सक्षम नहीं है लेकिन वे होनहार और मेधावी छात्र है।
राज्य सरकार के Medical Courses पर किया गया प्रयास
1. महाराष्ट्र के शुल्क सब्सिडी योजना
महाराष्ट्र राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए मेडिकल शिक्षा को आसान करने के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के तहत सरकार, सरकारी संस्थानों से अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके छात्रों को महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता प्रदान करते है यह आर्थिक सहायता उनके शिक्षण शुल्क को कुछ कम करती है जिससे कि हमारे आने वाले डॉक्टर पर मेडिकल की पढ़ाई से संबंधित आर्थिक समस्या कुछ कम हो जाती है।
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2. तमिलनाडु का प्रयास
तमिलनाडु ने हमेशा अपने राज्य में शिक्षा को प्राथमिकता दी है। राज्य सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई में विद्यार्थियों को आर्थिक रूप से समर्थन देने के लिए अलग-अलग कोशिश की है। एक ऐसी योजना यह है कि मेडिकल महाविद्यालय के लिए फीस में राहत भी प्रदान की है जिसके अंतर्गत यदि छात्र सभी योग्यता मूल्यों को पूरा करते हैं तो उनको बहुत जरूरी आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकती है ताकि वह अपने डॉक्टर बनने का सपना पूरा करके देश की तरक्की में भागीदारी दे सके।
डॉक्टर बनने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों पर प्रभाव
इन राज्य सरकारों के प्रयासों का मेडिकल शिक्षा पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है जिसकी बदौलत विद्यार्थियों पर आर्थिक दबाव कम हुआ है बल्कि यह भी हैं कि योग्य अभिनंदन विद्यार्थियों को आर्थिक प्रतिबंध के कारण चिकित्सा शिक्षा के अवसर देना नहीं छोड़ते। इसके परिणाम स्वरुप हम भविष्य में एक अधिक विविध और प्रतिभाशाली मेडिकल विद्यार्थियों का समर्थन करने वाले चिकित्सा प्रोफेशनल्स की संख्या देख सकते हैं।
चुनौतियां
यह शुल्क राहत योजना सही मायने में एक सही दिशा की तरफ कदम है लेकिन इसके साथ ही यह चुनौती और आलोचना के बिना नहीं है क्योंकि कुछ लोग इस तरह की राहत से राज्य बजट को बिगड़ा हुआ महसूस कर सकते हैं साथ ही साथ दूसरी बात यह है कि क्या केवल सरकारी स्कूल से ग्रेजुएट विद्यार्थियों को ही सहायता देने में न्याय है या नहीं? तो यह सारी बातें इस योजना को लंबे समय तक चलने के लिए थोड़ी सी चिंताजनक है।
सही मार्गदर्शन
जैसा की बीमारियां बढ़ रही है तो हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ती जा रही है। इस सूरत में ज्यादा से ज्यादा राज्यों को ऐसी शुल्क राहते देने वाली योजना को लागू करने का विचार बहुत जरूरी है। इससे न केवल सही समय पर क्वालिफाइड डॉक्टर मौजूद मिलेंगे बल्कि साथ ही साथ जो क्वालिफाइड डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं ऐसी योजनाओं के मदद से वह अपना सपना भी पूर्ण कर सकेंगे।
निष्कर्ष
आखिर में भारत के कुछ राज्यों ने चिकित्सा महाविद्यालय के शुल्क को राहत दिया है यह अनेक आने वाले डॉक्टर के लिए एक आशा की किरण है इन योजनाओं के जरिए उन शिक्षा के लिए समर्पित और आर्थिक प्रतिबंध के कारण अक्सर अनजान रहने वाले प्रतिभाशाली काबिलियत को पहचानना और बढ़ाने का समर्थन मिलेगा।
FAQs – Medical Courses
- हमारे भारत में कौन-कौन चिकित्सा के लिए शुल्क राहत प्रदान करते हैं?
– भारत में तमिलनाडु महाराष्ट्र जैसे कई राज्य चिकित्सा की पढ़ाई के लिए शुल्क राहत योजना शुरू किए हुए हैं।
- क्या यह मेडिकल शिक्षा की छूट केवल सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है?
– वैसे तो यह राहत सरकारी संस्थानों से पढ़ाई पूरी कर चुके छात्रों के लिए निर्धारित होती है परंतु योग्यता के आधार पर निर्धारित शर्तों हर एक राज्य की अलग-अलग हो सकती है।