जमीन की रजिस्ट्री 2023: 100 में कराएं अपने जमीन की रजिस्ट्री

Last Updated on July 18, 2023 by Raj

प्रत्येक मनुष्य जीवन भर अपने परिवार को आरामदायक जीवन की व्यवस्था करने का प्रयास करता है। ऐसे में रोटी और कपड़े की व्यवस्था के पश्चात जब अन्य सारी जरूरतें पूरी हो जाती है तो व्यक्ति निवेश के तौर पर जमीन खरीदता है। कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते हैं, जो उसी जमीन पर अपना घर बनाते हैं तथा कुछ उसे केवल निवेश के तौर पर अपने पास खरीद कर रखते हैं। जिससे वे अपना और परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सकें।

जमीन खरीदने के लिए जरूरी होता है कि उसकी कानूनी कार्यवाही सही तरह से हो। जिसमें से कुछ ऐसे दस्तावेज बनाए जाते हैं जिससे यह साबित होता है कि यह जमीन अमुक व्यक्ति के नाम की है। भारत में इसी कानूनी दस्तावेज को जमीन की रजिस्ट्री कहा जाता है। रजिस्ट्री ही वह सबूत होती हैं जिससे पता चलता है कि जमीन का एक निर्धारित टुकड़ा किसके नाम पर है। भारत में जमीन की रजिस्ट्री करवाना अनिवार्य है अन्यथा आप की जमीन कानूनी दांवपेच में फंस सकती है।  हालांकि हर राज्य में रजिस्ट्री कराने के अलग नियम और कानून है परंतु रजिस्ट्री कराना हर राज्य में होता है। 

जमीन की रजिस्ट्री 2023 – एक नजर 

Scheme प्लॉट रेजिस्ट्री
डिपार्टमेंट स्टैम्प ड्यूटी एंड ट्रेज़री
स्थान भारत
वर्ष 2023
उद्देश्य खसरा,खतौनी,भू नक्शा प्रमाण

क्या होती है रजिस्ट्री?

जमीन की रजिस्ट्री एक प्रकार का लीगल प्रोसेस है, जिसमें जमीन का खरीददार एक निर्धारित जमीन के कागजात अपने नाम पर बनाता है। कई बार एक खरीदार किसी अन्य जमीन मालिक से जमीन खरीदता है ऐसे में जमीन के पेपर्स पर मालिकाना हक बदलने की प्रक्रिया भी जमीन रजिस्ट्री ही कहलाता है, जिससे नया खरीददार जमीन का नया मालिक बन जाता है।

आमतौर पर रजिस्ट्री करवाने से पहले निम्नलिखित चरणो से गुजरना होता है:

 जमीन की वैल्यू का निर्धारण : आप जिस भी जमीन को खरीदना चाहते हैं, रजिस्ट्री करने से पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि उस जमीन की मार्केट वैल्यू कितनी है। इसके साथ ही जमीन का सरकारी दाम पता करना भी जरूरी होता है। इसी के पश्चात ही सारे दस्तावेज बनाए जाते हैं ।

 स्टैम्प ड्यूटी पेपर : जमीन के खरीदार को यह पेपर जिला या कोर्ट से बनाने होते हैं। प्रत्येक राज्य में इन पेपर का मूल्य अलग-अलग होता है, स्टैंप पेपर होना रजिस्ट्री में सबसे आवश्यक दस्तावेज माना जाता है। आप स्टैम्प ड्यूटी पेपर ऑनलाइन माध्यम से भी खरीद सकते हैं।

 जमीन खरीदने और बेचने से संबंधित कागजात (बैनामा) :  रजिस्ट्री के लिए अगला सबसे जरूरी चरण यह होता है कि आपके पास में खरीदने और बेचने वाले दोनों व्यक्तियों का बयान नामा हो। यह पेपर कोर्ट में जाकर वकील द्वारा तैयार करवाया जा सकता है, जिसमें बेचने वाले का बयान और हस्ताक्षर होता है तथा खरीदने वाले का बयान और हस्ताक्षर होता है।

 Sub registrar कार्यालय : यह सब जरूरी कागजात इकट्ठा करने के बाद अगला चरण sub-registrar के कार्यालय में पूरा होता है। सारी फॉर्मेलिटी पूरी होने के पश्चात जमीन बेचने वाले और खरीदने वाले को एक साथ सब रजिस्टार के ऑफिस में मौजूद होना पड़ता है। साथ में अन्य दो गवाहों का होना भी जरूरी होता है। सब लोगों की मौजूदगी में सारे दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के पश्चात रजिस्ट्रार सारे डॉक्यूमेंट को जमा करता है और आपको एक रसीद प्रोवाइड करता है ।

 रजिस्ट्री : इन सारे चरणों के पश्चात अगले चरण में आपके द्वारा सबमिट किए गए सारे डॉक्यूमेंट की जांच पड़ताल की जाती है। सारे डॉक्यूमेंटेशन के वेरिफिकेशन के पश्चात रजिस्ट्रार निर्णय लेता है कि आपके द्वारा खरीदी गई जमीन के आप स्थाई रूप से हकदार बन गए हैं । स्थाई रूप से हकदार साबित हो जाने पर आपको रजिस्ट्री से जुड़े सारे दस्तावेज रजिस्ट्रार के कार्यालय से जाकर प्राप्त करने होते हैं। 

 इस प्रकार उपरोक्त चरणों के पालन के पश्चात आप की रजिस्ट्री सम्पूर्ण होती है।

 रजिस्ट्री से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज 

रजिस्ट्री करवाने से पहले आपके लिए यह आवश्यक है कि आपके पास में सारे जरूरी दस्तावेज मौजूद हैं। इनमें से किसी भी दस्तावेज की कमी की वजह से आप की रजिस्ट्री के प्रोसेस में मुसीबत आ सकती है। इसीलिए आपके लिए यह आवश्यक है कि रजिस्ट्री करने से पहले आप निम्नलिखित दस्तावेज पहले से ही तैयार रखें। 

  •  पहचान प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • पैन कार्ड
  • वोटर आईडी कार्ड
  • खाता खतौनी प्रमाण पत्र
  • स्टैम्प ड्यूटी पेपर
  • पावर ऑफ अटॉर्नी
  • अलॉटमेंट लेटर
  • प्रॉपर्टी से जुड़े टैक्स की रसीद
  • बैनामा

2023 में रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव 

  •  यदि आप ऐसी जमीन खरीद रहे जो पहले खेती के लिए उपयोग में लाई जा रही थी तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि सरकार की तरफ से यह रिहायशी इलाकों के लिए अप्रूव्ड की गई है या नहीं ।
  • यदि आप इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन खरीद रहे हैं तो आपके लिए यह भी देखना जरूरी है कि यहां रेजिडेंशियल प्लॉट बनाने की अनुमति है या नहीं ।
  • जमीन खरीदने से पहले आपके लिए यह भी आवश्यक है कि जमीन का नक्शा जिस स्थान पर दिखाया गया है नगर निगम पालिका ,भू राजस्व विभाग में जाकर इसका प्रमाण भी चेक कर ले।

 रजिस्ट्री के लिए साल 2023 में कुछ नए कानून  

  • जमीन की रजिस्ट्री के लिए आपके पास में जमीन का मैप होना आवश्यक है ।बिना मैप के आपके रजिस्ट्री का प्रोसेस पूरा नही किया जाएगा।
  • जमीन की रजिस्ट्री के दौरान बेचने वाले व्यक्ति के बायोमेट्रिक होने जरूरी है।
  • कृषि योग्य भूमि बेचने और खरीदने के लिए दस्तावेजों में जमीन के मालिक तथा उसके पिता तथा परिवार के अन्य सदस्यों का नाम होना आवश्यक है।
  • पॉवर ऑफ अटॉर्नी के साथ आवासीय प्रमाण पत्र को संलग्न करना महत्वपूर्ण है।

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साल 2023 में जमीन से जुड़े डॉक्यूमेंट की लिस्ट 

 बैनामा : बैनामा अर्थात सेल डीड जिसमे खरीदने वाले और बेचने वाले द्वारा जमीन से जुड़ी सारी जरूरी जानकारी ,खरीदने और बेचने के दाम, गवाहों के हस्ताक्षर ,खरीदने और बेचने वालों के हस्ताक्षर होते हैं।

गिफ्ट डीड : यदि जमीन किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को गिफ्ट के रूप में दी गई है तो ऐसे में भी व्यक्ति के लिए गिफ्ट डीड बनवाना जरूरी है.  बिना गिफ्ट डीड के पेपर्स के रजिस्ट्री नहीं हो सकती ।

वसीयत : वसीयत कानूनी दस्तावेज होता है जिसमें जमीन का मालिक अपने वारिस के नाम पर अपनी जमीन कर देता है। मालिकाना हक साबित करते समय रजिस्ट्री के दौरान वसीयत के पेपर की भी जरूरत पड़ती है। आमतौर पर ₹100 के स्टांप पेपर पर वसीयत टाइप कराई जाती है जो पूरी तरह से लीगल मानी जाती है।

पावर ऑफ अटॉर्नी : संपत्ति के ट्रांसफर के दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है। जमीन रजिस्ट्री के दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी आपके पास निश्चित तौर पर होना चाहिए।

इस प्रकार भारत सरकार राजस्व विभाग के अंतर्गत प्रत्येक जमीन की रजिस्ट्री का कार्यभार संभालती है। रजिस्ट्री करवाने से पहले व्यक्ति के पास सारे जरूरी दस्तावेज आवश्यक है तथा व्यक्ति के लिए यह भी जरूरी है कि उसके पास जमीन का मैप तथा उसके डीड पेपर आवश्यक तौर पर हों।

Conclusion

तो दोस्तों आज का हमारा लेख जमीन की रजिस्ट्री 2023 में कैसे करा सकते है? और 2023 में जमींन रजिस्ट्री के नए नियम को बताया गया है। आशा करता हूँ आपको आज का लेख पसंद आया होगा।

 

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